आज रविवार माँ दुर्गा का सातवाँ दिन, सुबह से हल्की हल्की बारिश है,
मौसम बहुत सुंदर है, आदतन सूरज निकलने के बाद उठी हूँ, राजन जी ने माँ का श्रृंगार कर दिया था , स्नान के बाद मैंने भी पूजा और हवन किया, मन को अजीब सी स्फूर्ति मिलती है, माँ को नजर भर कर देखा, बहुत सुंदर लग रही थी, आज उनका वस्त्र हलके बैगनी रंग का था, मगर मोबाइल की फ़्लैश लाइट ने मिलकर उसे आसमानी बना दिया, क्या चमत्कार है, अगर मैं षष्ठी तक उनके वस्त्रों का वर्णन किया होता तो कितना अच्छा होता,
शहद दही, घी का चरणामृत बहुत अच्छा लगता है और सूखे मेवे का प्रसाद, माँ को बहुत पसंद है, माँ शब्द में कितनी शक्ति है हमें बस सोच कर स्फूर्ति दायक स्रोत बन जाता है, हर भारतवासी धन्य हो जाता है माँ की पूजा करने से , माँ का आशीर्वाद हो सब पर, और एक सन्देश ,,,हर धर्म के लिए,...गाय की रछा करें, उन्हें पानी पिलायें,,,,और उनके हनन का विरोध करें , मन से सोच कर देखें गाय हमारे लिए कितनी जरूरी हैं , जितना रक्त है उसमे सबसे बड़ा श्रेय गाय के दूध को ही जाता है,,,,जय माता दी .....आप सबका स्नेह और आशीर्वाद जरूरी है,,,,वन्दे मातरम

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