गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

लम्बी बीमारी के बाद आज ऑफिस समय पर पहुँची मैं,,वहाँ भी मेरे द्वारा स्थापित छोटा सा मंदिर है
आज इतने दिन बाद मैंने वहाँ पूजा की, घर से फूल , हरी दूब ( जो गणेश जी को प्रिय है ) तुलसी दल जरूर ले जाती हूँ, मगर अगरबत्ती वही ऑफिस वाले....अगर मुझे सुगंध पसंद नहीं तो मेरे भगवान् को कैसे
पसंद आएगी, फिलहाल पूजा करनी थी कर दी मैंने मगर खुशबू से वंचित थी मैं, चलो पूजा तो किया थोड़ी
शांति मिली मुझे,,,दिन भर काम में , शाम को बिग बॉस , बिग बॉस,,,,मजा आ गया,,,,,,जय हो

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