शनिवार, 6 अक्टूबर 2012

कर्नाटका बंद

आज ऑफिस बंद है। कुछ तब्दीलियों से मन  खिन्न था , ऑफिस  शिफ्ट होने   जा रहा  है , दूरी बहुत है नए ऑफिस की -काम में कमी नहीं है , मगर नयी शुरुआत का मन है   मेरी  आज और कल छुट्टी है थोड़ा मन शांत है। राजन भी घर पर ही हैं आज  उनके ब्योसाय की supply बंद है , कल टेम्पो वाले को  लौटना पडा  था। रास्ता रोको आन्दोलन कल से जारी था।।खैर- सब ठीक है पानी की कमी तो है ही मगर ये दछिन भारत वाले पानी की बर्बादी भी  करते हैं सुबह सुबह घर के बाहर पांच बाल्टी पानी से धो कर   रंगोली बनाना जरूरी है, किसी भी त्यौहार में पूरा घर  सामान सहित साफ़ करना ..अब पानी तो चाहिए ही,,,,खैर,,, अपुन को क्या ,केबल भी बंद है आज।।।चलो छुट्टी  मिली न्यूज़ चैनल चैनल वालों की  चीखों से ,  जितना   पैसा  खायेंगे  उतना ही जोर से चिल्लायेंगे ...खैर अपुन को क्या      आज  अभी तक ,,,,,,, 

कोई टिप्पणी नहीं: