कौन कहता है की मैं अकेला हूँ
क्या मेरे गिटार में आवाज नहीं ?
उसके बोल मुझसे बातें करते हैं
जाने कितने स्वरों को समेटा है इसमें
इसमें लोगों का हुजूम छिपा है
कोलाहल में सुकून छिपा है
गुनगुनाहट और झंकार छिपी है
लेकिन इसमें मेरा अधिकार छिपा है
ये गाता है मेरे इशारे पे
लोग इसे देखते हैं
और मैं इसे छेड़ता हूँ
ह्रदय के तारों की तरह
और फिर खुद बा खुद
सब के सब सस्वर हो जाते है
फिर मत कहना तुम
की मैं अकेला हूँ
क्या मेरे गिटार में आवाज नहीं ?
उसके बोल मुझसे बातें करते हैं
जाने कितने स्वरों को समेटा है इसमें
इसमें लोगों का हुजूम छिपा है
कोलाहल में सुकून छिपा है
गुनगुनाहट और झंकार छिपी है
लेकिन इसमें मेरा अधिकार छिपा है
ये गाता है मेरे इशारे पे
लोग इसे देखते हैं
और मैं इसे छेड़ता हूँ
ह्रदय के तारों की तरह
और फिर खुद बा खुद
सब के सब सस्वर हो जाते है
फिर मत कहना तुम
की मैं अकेला हूँ

